Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मेरी दुनिया राम तुम हो
[song opening] मेरी दुनिया राम तुम हो, मन मंदिर धाम तुम हो। मेरी दुनिया राम तुम हो, मन मंदिर धाम तुम हो। हो... सुनहरी भोर तुम संदली सी शा...
-
ऊपर शिव है नीचे शिव है तेरे मेरे भीतर शिव है आदि शिव है अंत भी शिव है हर संगीत की झन झन शिव है 【ऊँ नम: शम्भवाय, च शंकराय मयस्कराय च नम: ...
-
जब हर जूनून की वजह तू, क्यूँ न फिर हाथों की लकीरों में तेरा नाम लिख दूं... हर जिक्र में है शामिल तू, क्यूँ न फिर वक़्त के हर पन्न...
Really very good.the 'Bhaav' or say essence of the kavita is very nice.the use of words, their arrangement and order......like a good Hindi writer.I liked it.
ReplyDelete@akash- thanx a lot for warm appreciation
ReplyDelete