Saturday, May 23, 2020

हिंदुस्तान जा रहा है!

वो देखो सड़क पर कौन जा रहा है,
गरीब है, बदहाल, मजबूर जा रहा है।

घायल पाँवों से उसके खुद-ब-खुद,
सड़कों पर छपता अखबार जा रहा है।

कंधे पे उठाये विकास को, इंसान नही
तरक्की का हुकूमती इश्तिहार जा रहा है।

फटे हाल हैं लेकिन मजबूत इरादे उसके
यारों! मत बोलो वो मजदूर जा रहा है!

शहंशाह-ए-मुल्क के एलान से पहले
बन आत्मनिर्भर वो खुद्दार जा रहा है!

 क्या हुआ गर ये मेरे सपनों का न सही
किसी के सपनों का हिंदुस्तान जा रहा है।

...राहुल राजपूत

Tuesday, May 5, 2020

किस्मत का ताला

चाबी खो गयी है 
मेरे घर की।
इसलिए, 
चाबी वाले को बुलाया है
वो कहता है कि
उस्ताद आदमी है
हर ताले की चाबी तराश सकता है!
वो सिर्फ कहता ही नही,
बल्कि उसने तो अपने टूल बॉक्स पर भी 
लिखवा रखा है- उस्ताद चाबियों का सरताज।

बाकई, तुम तो कलाकार आदमी हो
मैंने कहा, जब थोड़ी ही देर में
 उसने मुझे डुप्लीकेट चाबी पकड़ाई।

उसका मेहनताना देते हुए
और मुस्कुराते हुए मैंने पूछा-
उस्ताद जी!
क्या किस्मत की चाबी भी तराशते हो?
हाँ साहब, वो भी तराश देंगे
उसने कहा
आप बस अपनी किस्मत का ताला ले आईये।

...राहुल राजपूत

Monday, May 4, 2020

'हाँ' कहती है...

अनुरक्त नयनों से
 मेरी प्रीत को 'हाँ' कहती है।
गर्माहट से भरी देह भी
मेरा ही आलिंगन चाहती है।
मुझे पता है, 
रूह-सी अनश्वर 'हाँ'
हृदय में वो लिए बैठी है।
मुझे पता है। 

किन्तु कम्पित अधरों से 
बेमन हो 'ना' कहती है!
है मजबूरी, मुझे पता है!
                ...Rahul

जरुरत नही है ...

  मुझे अब तेरी जरुरत नहीं है तेरे प्यार की भी ख्वाहिश नहीं है कहानी थी एक जिसके किरदार तुम थे कहानी थी एक  जिसके किरदार हम थे अपना हिस्सा बख...