Saturday, July 16, 2022

भाईचारा


मानो चासनी जीभ पर 

गुलाब हो कमीज पर

बातों में शहनाई है

"तू ही मेरा भाई है"

यूं बोल घुसना पेट मे

बिच्छू जैसे रेत में

जोड़ जमा की दुकानदारी

हिसाब लगाती दुनियादारी

कभी इकाई, कभी दहाई

भाईचारा, यही है भाई।


Hi, hello से बाहर आकर

जब भाईचारा बढ़ता जाए

तेरी मेरी बात छोड़कर

किसी "और" को वो लाये

एक कहानी बड़े हिसाब से

सोच समझ कर मुझे सुनाये

एक वक्त था कि "वो" भी 

उसका भाई हुआ करता था 

मुलाकात जब भी होती थी

तपाक से मिला करता था

'दूर रहना उससे भाई

बंदा 'वो' बेकार है भाई

कुत्ते भर औकात नही

मेरी लात भी उसने खायी'


फिर उसने बोला, कुछ अधिकार जमाते

अच्छा हो ये बात, 'उसको' न कभी पता चले

 जय, सलाम, भाईचारा अपना भी बना रहे

दुनिया का दस्तूर ही ऐसा

कहीं कुआ, कहीं खाई है

सच कहता हूँ भाई,

बस तू ही मेरा भाई है...


देखे कैसे कैसे मैंने

छोटे, आधे, ओने पौने, 

जीभ के चाटु, जीभ के पैने

ऊपर चौड़े, भीतर बौने...


बेकार स्वार्थी ढूँढते मतलब

तपाक से आ मिलतेअक्सर

मेरी तासीर अलग है भाई

इसे खाई समझ या गहराई

ये भाईचारा पास तू ही रख

मेरा मुझको मौन मुबारक!


~राहुल

No comments:

Post a Comment

जरुरत नही है ...

  मुझे अब तेरी जरुरत नहीं है तेरे प्यार की भी ख्वाहिश नहीं है कहानी थी एक जिसके किरदार तुम थे कहानी थी एक  जिसके किरदार हम थे अपना हिस्सा बख...