Monday, April 26, 2021

वाह मेरे ओ मीडिया-कार!

 


एक था मरकज, एक था कुम्भ
एक निराधम, एक विशुद्ध।

एक आक्रांता, एक सनातन
एक जलालत, एक तथागत।

एक स्वार्थी, एक उदार
एक महामारी, एक उपचार।

वाह मेरे ओ मीडिया-कार!
Democracy के आधार।

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