Friday, January 8, 2010

हर पत्थर शिवलिंग नही होता......

मिला दे मुझे मेरी दिल-ए-चाहत से
अब और इंतज़ार नहीं होता

सुना है, सब खेल है नसीब का
मगर नसीब का कोई दोष नहीं होता

सुनाऊ किसको न तेरे होने का गम
मेरे गम में कोई सरीक नही होता

बस एक तेरा ही सहारा है खुदा
सुना है, तू भी मददगार नहीं होता

मगर कुछ खास है मुझ में भी
पर हर पत्थर शिवलिंग नही होता

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