Saturday, March 22, 2025

तेरा झूठा ही करार सही

 

तेरा झूठा ही बस करार सही। 

न सही तू  तेरा  खुमार सही।। 


फिर किसी और से वो मिलने चले। 

फिर हमें उनका    इन्तजार सही।। 


कितने ही गुल थे जो तमाम हुए। 

इस चमन में मेरे    बहार सही।। 


इक नजर देख ले इधर भी जरा। 

कि तुझे और से ही प्यार   सही।। 


बन के तूफान सा गुजर जाओ। 

मेरे हिस्से में बस   गुबार  सही।। 


कुछ भी हासिल न कर सका तू 'समर '। 

दिल  में   हसरत   तेरे   हजार   सही।।


~Samar Singh 

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