Friday, February 28, 2025

ओ राधे

 

राधे, 

ओ राधे ….

तेरा नाम लूँ, हर साँस में, 

अहसास में , हर बात में, 

मेरे नयनों में तू ही बसी,

तू ही हर जजबात में, 

राधे ...राधे ....

 तुम हृदय में हो प्राण में हो 

बंसी की हर तान में हो 

तुम गीत में हो  प्रीत में हो 

हर धन धनक संगीत में हो

राधे... राधे....


तेरी हँसी से फूल खिलते , तेरी नजर से दीप जलते 

तेरे बिना सूना है सूरज, बिन तेरे उजियारे ढलते 


ओ राधे… ओ राधे… 

तू गीत है, तू साज है,

तेरे बिना मैं हूँ अधूरा, तू मेरी आवाज़ है।


तेरी राहों में चलूँ, मैं तेरे रंग में ही ढलूँ,

जो तू कहे तो धूप तेरी, तेरा साया भी बनूँ 


ओ राधे… ओ राधे… 

तू प्रीत है, तू राग है,

मेरे जीवन का सवेरा साँसों का अनुराग है 


ओ राधे… ओ राधे… तू प्रेम है, तू प्राण है,

तेरे बिना कुछ भी नहीं, तू ही मेरी जान है।


राधे ... राधे ...


~राहुल राजपूत @copyright 

Tuesday, February 25, 2025

कान्हा… मोहे रंग दो ना…


कान्हा… मोहे रंग दो ना…

रंग दो ना… 


ओ नंद के लाल, भीगी चुनरिया मोरी, लाल लाल

सजना पे नैन धर 

लज्जा से मोरा मन, लाल लाल


छेड़ो ना ऐसे, नैन मिला के,

मोहे रंग दो ना, लाल लाल


(अंतरा 1)

तन मोरा गीला , मन सूखा कोरा,

बरसाओ गुलाल…

बैयाँ पकड़ के, हँस के संवरिया,

मोहे रंग दो ना, लाल लाल


(अंतरा 2)

कान्हा की बंसी, छेड़त रसिया,

रंगों में भीग जाऊँ मैं…

गालों पे घूँघट, मन में उमंग,

तुझसे कैसे छुपाऊँ मैं…


फागुनी बयार, छू गई मोहे, लाल लाल

रसिया की छेड़ में, 

भीग गई  चुनरिया, लाल लाल


(अंतरा 3)

रंग बरसाए, बदरा भी झूमे,

बंसी की धुन में गाऊं मैं 

अंखियाँ मिलाऊँ, अंखियाँ चुराऊँ 

श्याम संग रंग जाऊँ मैं…


घूंघट जो हटे, पग ठिठके मोरे, लाल लाल

मुरली की तान पे, 

थम गए कजरारे, लाल लाल


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ओ नंद के लाल, भीगी चुनरिया मोरी, लाल लाल

चुपके से  नैन भर,

लज्जा से मोरा मन, लाल लाल


कान्हा… मोहे रंग दो ना…

रंग दो ना… 


~Rahul Rajput ©

Friday, February 21, 2025

हर हर महादेव

“हर हर महादेव! बम बम भोले!

शिव का तांडव, धरती डोले!”



जब जब पाप बढ़े धरती पर,

शिव ने तांडव किया प्रखर!

त्रिशूल उठा  हुंकार भरी,

दुर्जन कांपे भय से थर थर 


बोलो बम बम ,बम बम भोले,

शिव का तांडव नभ में डोले!

काल भी काँपे, जग  थर्राए,

शिव जब जब हुंकार लगाए!


जटा में गंगा, गले में नाग,

डमरू बजे तो धधके आग!

भस्म रमाए, ध्यान लगाए 

संहार करें, पर धर्म बचाए !


बोलो बम बम, बम बम भोले,

शिव का तांडव नभ में डोले!

काल भी काँपे, जग थर्राए,

शिव जब जब हुंकार लगाए!


अंतरमन जो ध्यान लगावे 

शिव  ही संरक्षक बन जावे 

चाँद सितारे सूरज काँपे 

शिव का रुद्र रूप जब जागे!


त्रिनेत्र जले तो अग्नि बरसे,

रूद्र उठे कैलाश शिखर से!

हाथ एक त्रिशूल संभाले 

एक हाथ में डमरू ठाले 

डम डम गूँजे दसो दिशाएं 

जल थल नभ हिल हिल जाए!


त्रिशूल उठे तो काल भी काँपे,

सागर थम कर शिव शिव जापे 

बोलो बम बम बम बम भोले,

शिव का तांडव नभ में डोले!


भस्म लेप कर नृत्य रचाए,

दुष्टों को रणभूमि सुलाए!

मुण्डन माला, गले में शोभे,

जब जब धर्म की हानि होवे 


काल स्वयं चरणों में हो ले ,

यम भी डर से नयन न खोले!

बोलो बम बम बम बम भोले,

शिव का तांडव कण कण डोले!


~Rahul Rajput ©


Thursday, February 20, 2025

कौन है वो ...

Background : Krishna is leaving Gokul for bigger purpose of life. She is sad and envy of him. She feels as if krishna does not love her anymore!

Radha:

तू ख्वाब में रोज मिलता है, 

राधा  तुम पे ही मरती है 

तेरी निगाहें जो देखूं मैं,

किसी और का इंतज़ार करती हैं॥


जो तेरे मन में बसा है कान्हा,

क्या वो राधा ही एक है अब भी?

जो तेरी रातों में जग रहा है,

क्या वो राधा ही नेक है अब भी?


जो मेरी नजरों से बच रहा है,

कहीं दूर जाकर बस रहा है।

सच बता दे, किसका है तू,

किसकी चाह में तड़प रहा है?


जो मेरी गलियों से दूर जाता,

जो मेरी राहों को भूल जाता।

जिसके गीतों में नाम है मेरा,

पर हर सुर में कोई और आता॥


अब ना पूछूँ कौन है वो,

अब ना रोकूँ प्यार तेरा।

बस एक बार कह दे कान्हा,

क्या मैं नहीं रही तेरी राधा 


Krishan :

कैसे कहूँ, ओ प्यारी राधे,

मन के भाव छुपे हैं आधे।

तेरी पीर तो जग ने जानी,

पर मेरी किसने पहचानी?


छोड़ चला मैं ब्रज की गलियाँ,

क्या मुझको छोड़ेंगी सखियाँ ?

तेरी प्यार भरी वो चितवन,

सदा खिलाती दिल में उपवन 


सखा, सहेली  गलियाँ प्यारी,

माँ यशोदा की ममता भारी।

मुझसे भी मोह कहाँ छूटता 

बस ये मैं.... तुझे नहीं बोलता 


क्रोध भी राधा सही है तेरा 

पर किस्मत में है जाना मेरा

मैं कब चाहता जाना दूर

पर धर्म के हेतु हूँ मजबूर 


छोड़ चला मैं ब्रज की गलियाँ,

भीगी हैं राधा की अंखियाँ।

कुछ भी कहूँगा, समझेगी नहीं,

राधा, मन व्यथित है मेरा भी ।


~Rahul Rajput @copyright

Holi Geet

  होली है रंगीले, मेरा रंग दे जिया  होली है रंगीले, मेरा रंग दे जिया आजा आज खेलें रंग आजा पिया  होली है रंगीले, मेरा रंग दे जिया आजा आज खेले...