राधे,
ओ राधे ….
तेरा नाम लूँ, हर साँस में,
अहसास में , हर बात में,
मेरे नयनों में तू ही बसी,
तू ही हर जजबात में,
राधे ...राधे ....
तुम हृदय में हो प्राण में हो
बंसी की हर तान में हो
तुम गीत में हो प्रीत में हो
हर धन धनक संगीत में हो
राधे... राधे....
तेरी हँसी से फूल खिलते , तेरी नजर से दीप जलते
तेरे बिना सूना है सूरज, बिन तेरे उजियारे ढलते
ओ राधे… ओ राधे…
तू गीत है, तू साज है,
तेरे बिना मैं हूँ अधूरा, तू मेरी आवाज़ है।
तेरी राहों में चलूँ, मैं तेरे रंग में ही ढलूँ,
जो तू कहे तो धूप तेरी, तेरा साया भी बनूँ
ओ राधे… ओ राधे…
तू प्रीत है, तू राग है,
मेरे जीवन का सवेरा साँसों का अनुराग है
ओ राधे… ओ राधे… तू प्रेम है, तू प्राण है,
तेरे बिना कुछ भी नहीं, तू ही मेरी जान है।
राधे ... राधे ...
~राहुल राजपूत @copyright