Wednesday, January 26, 2022

मेरा स्वार्थ

 

मैं इतना स्वार्थी हूँ
की मेरी कपड़ो की प्राथमिकता
कच्छे, मोजे और रूमालों पर
रुक जाती है
ये ही मेरे अपने हैं
बाकी सब तो दूसरों के लिए
दिखाने के लिए
या औरों की नज़रों के लिए
सुंदरता की प्रस्तुति है
इस से मुझ क्या लेना
की दूसरों की आँखों में
में सजूं या चुभूं।
मुझे तो मेरे आनंद से मतलब
मुझे मेरे कच्छे, मोजे और रूमाल से मतलब!

~राहुल राजपूत

No comments:

Post a Comment

सम्भालो हुस्न को अपने...

  सम्भालो हुस्न को अपने कहीं ज्यादा न हो जाए भला चंगा दिल-ए-नादां न यों आवारा हो जाए  नहीं मिला अगर मुझको तब भी कोई गिला नहीं चलो किस्मत अजम...