आसमान में रंग बिरंगी पतंगों को
तैरते देखता हूँ,
मन में प्रश्न उठता है
पतंग डोर को ऊपर लेकर जाती है
या डोर पतंग को
क्या मानना है आपका?
ये उनका संबंध है
जो एक दूसरे को सहारा देकर
चढ़ा देता है एक दूसरे को
नील गगन में।
इस संबंध में बंधन है
एक सिरा डोर का पतंग के हिसाब से चलता है
तो पतंग की दिशा और गति डोर के हिसाब से।
दोनो का तालमेल ही
उनके संबधों को कायम रखती है
अन्यथा नील गगन का सपना
बस सपना ही रह जाता है।
टूट जाते हैं सारे बंधन
छूट जाते हैं सारे संबंध।
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