Sunday, January 12, 2020

नीर की चिट्ठी



सेवा में,
चंदा मामा।

कब आओगे मुझसे मिलने,
चंदा मामा, चंदा मामा!
मम्मी कहती आसमान में
देखो बेटा, चंदा मामा।

नही आते घर पर क्यों
मिलने मुझसे चंदा मामा?
बार बार मैं मां से पूछूँ
क्यों नही आते चंदा मामा।

मम्मी कहतीं दूर बहुत है
घर, जहां रहते चंदा मामा।
इसीलिए तो कठिन बड़ा,
कि आ पाएं घर पर मामा।

दूर कहाँ, घर से दिखते हो
झूठ बोलती मम्मी, है ना?
देहरादून दिखता न घर से
फिर भी आ जाते तनु मामा।

तनु मामा जब भी आते,
लाते सुंदर खेल खिलौना।
जब आओगे मुझसे मिलने
तुम भी लाना कोई खिलौना।

कभी कभी तुम खुश लगते,
गोल गोल जैसे गुब्बारा।
और कभी गायब रहते हो,
इसका क्या राज तुम्हारा।

घर में अकेले ही रहते हो?
कहाँ रहते हैं नानी नाना?
मम्मी कहतीं गए हुए हैं
मामी ढूंढने नानी नाना।

जो कुछ कहती हैं मम्मी, 
क्या वो सब सच है मामा?
अभी तक मामी ढूंढ रहे हैं
सच! हा हा, हमारे मामा।

मैंने पूछा- क्यों नही दिन में
दिखते हैं मेरे चंदा मामा?
मम्मी बोली- पापा के जैसे ही
ऑफिस में रहते हैं मामा।

पापा संडे को घर रहते,
खाते खाना, गाते गाना।
मामी क्या नाराज न होती,
ऑफिस जाते हो रोजाना!

मिल जाए चिट्ठी जब ये,
तुम हाथ हिला कर बतलाना
नाना नानी को 'जय' कहना,
अब नभ में मामी संग आना।
†*****†******†*******

1 comment:

Bank Account

 Neer has been insisting us to open his bank account since couple of months. So, Neha visited Axis bank, which is located within my society ...