Saturday, March 26, 2011
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मेरी दुनिया राम तुम हो
[song opening] मेरी दुनिया राम तुम हो, मन मंदिर धाम तुम हो। मेरी दुनिया राम तुम हो, मन मंदिर धाम तुम हो। हो... सुनहरी भोर तुम संदली सी शा...
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ऊपर शिव है नीचे शिव है तेरे मेरे भीतर शिव है आदि शिव है अंत भी शिव है हर संगीत की झन झन शिव है 【ऊँ नम: शम्भवाय, च शंकराय मयस्कराय च नम: ...
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कितना विस्तृत अम्बर है और कहाँ तक उसकी सीमा कहाँ से उगती है भानु किरण फिर और कहाँ छिप जाती है कोई मुझे बतलाये तो आखिर.... हम ठहरे...
nice...
ReplyDeletethanx Akash
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