मेरे चेहरे ने होली का रंग जी भर देखा
और नजरिया रखने वालों ने बस मुझको बेरंग देखा
भाई ने अपना, माँ ने लाड में दुबला देखा
यार दोस्तों की मंडली ने वही पुराना हुड़दंग देखा
ख्वाब उकेरती उसकी आँखे जादूगरनी
मैंने उसकी आँखों में हर रंग जीवन का संग संग देखा
जग सीमा तय करता आया, हे हिरनी
जब जब लैला ने खुद का बंन्धन मजनू के संग संग देखा
पुरुषवाद की बेड़ी तोड़ो, जीवन जननी!
मनुवाद को, आडम्बर को निपट नराधम बेढंग देखा
चश्म-ए-बद से दो दो हाथ करो, मोहिनी!
न्याय व्यवस्था, सरकारों को बीच चौराहे अध् नंग देखा
अलमस्त दीवानों ने दुनिया को सतरंग देखा
और सिकंदर जैसों ने जग को इक मैदान-ए-जंग देखा
~राहुल
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