Friday, February 17, 2023

मुक्तक

 

बेबजह तेरे ऐब को बेनकाब करता रहा 
हाय! घाटे का हिसाब बेहिसाब करता रहा 
तेरा मिलना ही खुदा की इनायत थी 
बेसबब ही काफिराना जज्बात करता रहा!

~राहुल 

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