जमाना तो पुराना ही अच्छा था!
ऐसा अक्सर सुनते हैं हम।
हम,नयी पीड़ी के पल्लव, पुष्प, कुसुम
पुरानी पीड़ी के पुराने लोगों से।
पुराने लोग शायद यह भूल जाते हैं
कि वो समय भी असल में उनका नया था,
जब वो नये थे,
जिसे वो पुराने हो कर दोहराते हैं-
जमाना तो पुराना ही अच्छा था।
और इसलिये वो यह भी नही जानते
कि आज के नये भी असल में,
अपने भविश्य का पुराना जी रहे हैं।
तभी तो आज के नये पुराने होकर कह सकेंगे-
जमाना तो पुराना ही अच्छा था।
यह तो बस अपनी अपनी इच्छा है,
कि कौन किस नये को पसंद करता है?
आज का नया या भूत का नया?
............राहुल राजपूत
............राहुल राजपूत
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