Sunday, September 1, 2019

शौक और सिगरेट

एक नबाब साब को,
जब एक जेंटलमैन ने,
नोटों की आंच में चाय पकाते देखा,
तो वह अपने आप को रोक ना पाया।
और आश्चर्य से बोला-
आपकी तो सही नवाबी है!
पैसे ही फूंक रहे हो!

नवाब साब ने जेंटलमैन की ओर देखा-
एक नवयुवक, 
तंदरुस्त काया,
अच्छे कपड़े,
और दो उंगलियों में फंसी,
एक सुलगती सिगरेट,
और बोले- शौक बड़ी चीज होती है।
और इसलिय तो तुम भी,
अपनी आत्मा फूंक रहे हो!

            .......राहुल राजपूत

No comments:

Post a Comment

होली आई

  संग पिया के, संग सजन के, होली आई! गाँव की गलियाँ, रंग में भीगी, होली आई! माटी की ख़ुशबू    महकी, घर-आँगन तक जाने को, रेल चली फिर दूर नगर स...