तू
किसी शायर की रुबाई
किसी
छंद की बुनाई
जैसे
तुलसी की चौपाई
शब्द
प्यार की छपाई
सर्द
रातों में......
सर्द
रातों में......
सर्द
रातों में तू अलाब-सा
इश्क़
ऐसा है मेरे जनाब का
तू
किसी दूध की मलाई
किसी
पीर की दुहाई
जैसे
प्यास में सुराई
प्रेम
धागे की बुनाई
चाँद
तारों में ......
चाँद
तारों में ......
चाँद-तारों
में तू आफताब-सा
इश्क़
ऐसा है मेरे जनाब का
तू
किसी राम की शहनाई
धुन
श्याम की बनाई
जैसे
कोई हवा पुरवाई
कलम-ए-इश्क़
की लिखाई
इन
बहारों में......
इन
बहारों में......
इन
बहारों में तू महताब-सा
इश्क़
ऐसा है मेरे जनाब का
-----राहुल
राजपूत
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