
Sunday, April 3, 2011
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मेरी दुनिया राम तुम हो
[song opening] मेरी दुनिया राम तुम हो, मन मंदिर धाम तुम हो। मेरी दुनिया राम तुम हो, मन मंदिर धाम तुम हो। हो... सुनहरी भोर तुम संदली सी शा...
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ऊपर शिव है नीचे शिव है तेरे मेरे भीतर शिव है आदि शिव है अंत भी शिव है हर संगीत की झन झन शिव है 【ऊँ नम: शम्भवाय, च शंकराय मयस्कराय च नम: ...
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कितना विस्तृत अम्बर है और कहाँ तक उसकी सीमा कहाँ से उगती है भानु किरण फिर और कहाँ छिप जाती है कोई मुझे बतलाये तो आखिर.... हम ठहरे...
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