यादों का बादल ,आँखें नम हैं
जाने क्यों प्यासी मेरी नजर है
शायद बादल अभी बरसा कम है
अनजानी सी क्यों झुकी तेरी नजर है
ये नज़ारा क्यों नही तुझे नजर है
क्यों नही मेरी तरफ़ तेरी नज़र है
प्यार को मेरे किसकी नज़र है
जो मुझसे दूर तेरी नज़र है !
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