Monday, April 26, 2021

वाह मेरे ओ मीडिया-कार!

 


एक था मरकज, एक था कुम्भ
एक निराधम, एक विशुद्ध।

एक आक्रांता, एक सनातन
एक जलालत, एक तथागत।

एक स्वार्थी, एक उदार
एक महामारी, एक उपचार।

वाह मेरे ओ मीडिया-कार!
Democracy के आधार।

Sunday, April 25, 2021

नैनन तेरे...

 नैनन तेरे

दो दिए जलते
रोम रोम हर
आंनद भरते
तेरा होना
सब पूजा-सा
तू ही कान्हा
न दूजा-सा।
फिर क्यों मैं थाल सजाऊँ
अगर कपूर से घर महकाऊं
शुभ लाभ तेरे
अधरों से झरते
नैनन तेरे
दो दिए जलते।

हाथों में तेरे
जादू टोना
छू ले, कर दे
मन को सोना
किस किस को क्या भोग लगाऊं
धनिक मैं ऐसा, क्या बतलाऊँ
मुस्कानों में
सब रस झरते
नैनन तेरे
दो दिए जलते।

~राहुल

Bank Account

 Neer has been insisting us to open his bank account since couple of months. So, Neha visited Axis bank, which is located within my society ...