तुम बेफिजूल की बातें न करो
औरत हो, घर चलाओ।
हमारे परिधान हमारी संस्कृति हैं
ब्लाउज और साड़ी में जेबें नही होती।
उसने जबाब दिया - क्या दोगले इंसान हो
पैंट शर्ट तो जैसे सनातनी परिधान है।
अब उसके पास दो ही ऑप्शन हैं
या तो अपनी औरत को भी पैंट शर्ट दिला दे
या ब्लाउज में जेबें गढ़वा दे।
लेकिन उसकी औरत ने साफ कर दिया है-
हमारे परिधान हमारी संस्कृति हैं
ब्लाउज और साड़ी में जेबें नही होती।
जब से संस्कृति का ढोल बजना बंद है
जीवन दोनो का जैसे गीत, रुबाई छंद है।
~Rahul