Monday, May 5, 2014

cheers!

एक सम्प्रदाय विशेष की सभा में
माननीय नेता बोले-
चलो फिर  से खून गर्माते हैं
चलो दिल को ठंडक पहुचाते हैं

तभी,
भरी सभा से एक motivated बेवड़ा उठा
पास वाले ठेके से chilled beer ले आया 
और चिल्लाया, चलो नेता जी-
 फिर से खून गर्माते हैं  दिल को ठंडक पहुचाते हैं !

No comments:

Post a Comment

सम्भालो हुस्न को अपने...

  सम्भालो हुस्न को अपने कहीं ज्यादा न हो जाए भला चंगा दिल-ए-नादां न यों आवारा हो जाए  नहीं मिला अगर मुझको तब भी कोई गिला नहीं चलो किस्मत अजम...