Wednesday, September 4, 2013

जब हो जाती तुम उदास...



गुस्सा होना जायज है

आँखों में पानी जायज है

पर मेरी दुनिया बसती है

तेरे नयनो में ही, ये बात जरा स्वीकार करो

अब तक झीले मीठी थी

रोको अश्रु मेरी खातिर, आँखों को खार करो  

मत बोलो; कोई बात नहीं

अधरों को सोने दो, पर आँखों से तो बात करो

कोपल से होठो को खीचो

मेरी व्याकुलता हरने को, मीठी सी मुस्कान भरो



माना मुस्कानों में ही छिपी हुयी है जिंदगी की मिठास

पर और भी सुन्दर लगती हो जब हो जाती तुम उदास

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