गुलाब !
सुन्दर है
बौधिक है
मंच से
प्रेषित
अभिव्यक्ति
है
और गेहू
?
तुच्छ, रूपहीन,
घुन-सा
पाटो तले
पिसने
वाला
पर फिर
भी
मुझे
तो
गेहू की
ही
चिंता
है
मुझे तो
पहले
पेट
की
चिंता
है.
गुलाब का
सौंदर्य,
नजाकत,
माधुर्य,
उन्ही नजरो
से
नज़र
आता
है
जिनका पेट
भरा
होता
है
खाली पेट
के
लिए
तो,
गुलाब कांटो
से
घिरा
हवा के
थपेड़ो
से
डरने
वाला
कुछ मेरी
ही
तरह
है
कमजोर, वेचारा, बेवस,
बेवाक.
न चाहते
हुए
भी
मेरी प्राथमिकताएं-
गेहू को
जिता
देती
है
गुलाब को
हरा
देती
हैं
जब भी
होता
है
मुकाबला
गेहू बनाम
गुलाब!!! ~RR