Wednesday, July 10, 2013

श्याम-घन और घन-श्याम में अंतर बहुत है



किसने कहा था चाँद तुमसे
यूं निकलने को सज संवर के
क्या नहीं मालूम तुमको
क्या जमाना चल रहा है ?

छाये हैं अम्बर में जो
आज अनगिन श्याम-घन
चाँदनी को अपने तू
चार दीवारी में महफूज़ रख

क्या नहीं मालूम तुझको
पिछली पूनम में क्या हुआ था
चाँदनी का कतरा कतरा
श्याम-घन ही तो पी गया था

नीयत न डोली हो श्याम-घन की
क्या कभी एसा हुआ है ?
श्याम-घन और घन-श्याम में
अ चाँद, तू अंतर समझ!


~RR

Photo Courtesy: Google

Holi Geet

  होली है रंगीले, मेरा रंग दे जिया  होली है रंगीले, मेरा रंग दे जिया आजा आज खेलें रंग आजा पिया  होली है रंगीले, मेरा रंग दे जिया आजा आज खेले...