क़ानूनी चौबंदी, संवेदन-संगत सजग सरकार है
रेप का ही होता ढंग से, याँ हर पहर कारोबार है
तेरा क्या घर से जाता, जो इतना परेशान है
मूरख है गर तू होता, इस सब से हैरान है
शीला जवान है
मुन्नी बदनाम है
सडको पर सिल्की चमेली
फिरती खुल्ले आम है
एसे में गर कोई इन्सां बन जाये शैतान है
हल्ला क्यूँ करते बाबा!, ये तो बात आम है
सुनके ये बाते सारी, मैं तू दोनों हि हैरान है
पर नेता का मेरे कुछ ऐसा ही फरमान है !
सच में वो दिमागी कुपोषित और बीमार हैं
बाबजूद फिर भी उसको लोगो की सलाम है
लोकतंत्र में ठरको की भी चलती दूकान है
ऐसे ही थोड़ी बनता मेरा देश महान है !!!
रेप का ही होता ढंग से, याँ हर पहर कारोबार है
तेरा क्या घर से जाता, जो इतना परेशान है
मूरख है गर तू होता, इस सब से हैरान है
शीला जवान है
मुन्नी बदनाम है
सडको पर सिल्की चमेली
फिरती खुल्ले आम है
एसे में गर कोई इन्सां बन जाये शैतान है
हल्ला क्यूँ करते बाबा!, ये तो बात आम है
सुनके ये बाते सारी, मैं तू दोनों हि हैरान है
पर नेता का मेरे कुछ ऐसा ही फरमान है !
सच में वो दिमागी कुपोषित और बीमार हैं
बाबजूद फिर भी उसको लोगो की सलाम है
लोकतंत्र में ठरको की भी चलती दूकान है
ऐसे ही थोड़ी बनता मेरा देश महान है !!!
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