Tuesday, January 1, 2013

नव वर्ष



बस कुछ अंक ही बदलते हैं
बाकी सब बैसा ही रहता है
जैसा कल था या कल होगा
अंको के बदलाव में लेकिन
इतनी ताकत होती है, कि
जहाँ पिछले साल रश्मि ने
रवि को गले लगाया था तो
इस बार मंगल को !

इंसानी रिश्ते भी एसे हि
शायद, बनते बिगड़ते हैं
समय की चाल के आगे...

रश्मि के हर रिश्ते को दुनिया
अपनाती है जश्न के साथ
लेकिन तेरे हर नए रिश्ते को
शायद ऐसा मुमकिन नहीं
इसलिए पुराने रिश्तो को बचा के रखिये
और नए समझदारी से चुनिए....

@ 1 January, 2013

2012


सुबह उठते हि,
उदासी साफ़ दिख रही थी
मैंने जैसे हि स्पर्श किया
मानो उसकी साँसे थम गयी
रंग फीका पड़ चुका था और
काया कुछ ढीली ....

एक दिन सभी को जाना है,
लेकिन, उसका दुर्भाग्य है कि
मौत पर उसकी दुनिया जश्न मानती है
और शायद यही नियम है
मैंने भी उसको एक कोने में डाल दिया !

सम्भालो हुस्न को अपने...

  सम्भालो हुस्न को अपने कहीं ज्यादा न हो जाए भला चंगा दिल-ए-नादां न यों आवारा हो जाए  नहीं मिला अगर मुझको तब भी कोई गिला नहीं चलो किस्मत अजम...