सोचो कि ऊपर
न कोई जन्नत
सोचो कि नीचे
न ही कोई दोजख
ऊपर जो देखें
बस देखें आसमां
सोचो की सब ही
जियें बस आज में
सोचो कि दुनिया
ऐसी कि मुल्क ना
आपस में रंजिश
कोई भी जंग ना
सब रहें प्यार से
कोई आतंक ना
सोचो की सब ही
जियें बस नाज़ में
मत कहो सपना मेरा
पानी का एक बुलबुला
सपने वाले और भी
मैं ही न केवल अकेला
एक दिन सपनों में मेरे
अपने सपने तुम भी पा लो
बस यही उम्मीद मेरी
सोचो कि घर है
सारी ही दुनिया
सोचो कि धन ना
न वैभव सम्पदा
सोचो कि लालच,
या धन की भूख ना
मिल जुल रहें सब
ऐसा हो इक जहाँ
सोचो की सब हों
सुकूं के साज़ में
मत कहो सपना मेरा
पानी का एक बुलबुला
सपने वाले और भी
मैं ही न केवल अकेला
एक दिन सपनों में मेरे
अपने सपने तुम भी पा लो
बस यही उम्मीद मेरी
सोचो कि घर है
सारी ही दुनिया
सोचो कि दुनिया
ऐसी कि मुल्क ना
आपस में रंजिश
कोई भी जंग ना
रहें सब प्यार से
कोई भी आतंक ना
सोचो की सब ही
जियें बस नाज़ में
मत कहो सपना मेरा
पानी का एक बुलबुला
सपने वाले और भी
मैं ही न केवल अकेला
एक दिन सपनों में मेरे
अपने सपने तुम भी पा लो
बस यही उम्मीद मेरी
सोचो कि घर है
सारी ही दुनिया
सोचो कि घर है
सारी ही दुनिया
~Rahul