Wednesday, April 9, 2025

Socho

 

सोचो कि ऊपर 

न कोई जन्नत

सोचो कि  नीचे

न ही कोई दोजख 

ऊपर जो देखें 

 बस देखें आसमां 

सोचो की सब ही

जियें बस आज में 


सोचो  कि दुनिया

ऐसी कि मुल्क ना 

आपस में रंजिश 

कोई भी जंग ना 

सब रहें प्यार  से

कोई आतंक ना 

सोचो की सब ही

जियें बस नाज़ में 


मत कहो सपना मेरा

पानी का एक बुलबुला 

सपने वाले और भी

मैं ही न केवल अकेला

एक दिन सपनों में मेरे

अपने सपने तुम भी पा लो 

बस  यही उम्मीद मेरी

सोचो कि घर है 

सारी ही दुनिया 


सोचो कि धन ना

न वैभव सम्पदा 

सोचो कि लालच, 

या धन की भूख ना 

मिल जुल रहें सब 

ऐसा हो इक जहाँ 

सोचो की सब हों 

सुकूं के साज़ में


मत कहो सपना मेरा

पानी का एक बुलबुला 

सपने वाले और भी

मैं ही न केवल अकेला

एक दिन सपनों में मेरे

अपने सपने तुम भी पा लो 

बस  यही उम्मीद मेरी

सोचो कि घर है 

सारी ही दुनिया 


सोचो  कि दुनिया

ऐसी कि मुल्क ना 

आपस में रंजिश 

कोई भी जंग ना 

रहें सब प्यार  से

कोई भी आतंक ना 

सोचो की सब ही

जियें बस नाज़ में 


मत कहो सपना मेरा

पानी का एक बुलबुला 

सपने वाले और भी

मैं ही न केवल अकेला

एक दिन सपनों में मेरे

अपने सपने तुम भी पा लो 

बस  यही उम्मीद मेरी

सोचो कि घर है 

सारी ही दुनिया 


सोचो कि घर है 

सारी ही दुनिया 

 

~Rahul

Sunday, April 6, 2025

Shree Ram Katha

 

युग युग से तेरा नाम अटल है

जग का सत्य तू सम्बल है 

पग पग पर पाली मर्यादा 

धर्म निभाया सबसे ज्यादा 

तेरे ही नाम से भौर खिले 

तेरे ही नाम से शाम 

सियावर ऐसे हैं प्रभु राम 

राम सिया राम सिया राम जय जय राम


युग युग से तेरी यश गाथा

देती जीवन की परिभाषा 

शिक्षा पाई गुरु वशिष्ठ से,

शांति आयी ताड़का वध से,

तेरे ही काम से धर्म चले 

है तू ही पूर्ण विराम

सियावर ऐसे हैं प्रभु राम,

राम सिया राम सिया राम जय जय राम।


शिव धनुष तोड़ स्वयंवर जीता 

राम को पायीं जानकी सीता 

मात-पिता की आज्ञा मानी,

राज छोड़ हुए वन गामी 

सीता खोज में दिन भर भटके 

धैर्य रखा हर शाम।

सियावर ऐसे हैं प्रभु  राम,

राम सिया राम सिया राम जय जय राम।


मिल सुगरीव से संधि रचाई,

रावण से लंका छुड़वाई 

राज विभीषण को दिलवाया,

कूटनीति का पाठ सिखाया 

की हनुमान ने भक्ति अपार,

चरणों में पाया विश्राम।

सियावर हैं पुरुषोत्तम राम,

राम सिया राम सिया राम जय जय राम।


राम सिया राम सिया राम जय जय राम।


~Rahul Rajput

Friday, March 28, 2025

Chal re mann

 

चल रे मन, चल…

सच्चे पथ,

झूठे जग से क्या लेना!


[Verse 1]

जो आया है जाना तय है 

माटी का तन मिट जाना 

चल रे मन, चल….

सच्चे पथ,

झूठे जग से क्या लेना!


[Verse 2]

धन-दौलत संग न जाए

काहे मन तू अभिमाना!

चल रे मन, चल….

सच्चे पथ,

झूठे जग से क्या लेना!


[Verse 3]

राम नाम ही सच्चा साथी,

बाकी सब है बेगाना!

चल रे मन, चल….

 सच्चे पथ,

झूठे जग से क्या लेना!


[Verse 4]

झूठा तेरा मान है सारा,

एक दिन सब मिट जाना!

चल रे मन, चल…

सच्चे पथ,

झूठे जग से क्या लेना!


[verse 5]

पल दो पल का जीवन  तेरा

कर ले सेवा रोजाना !

चल रे मन, चल…

 सच्चे पथ,

झूठे जग से क्या लेना!


~Rahul Rajput 

Sunday, March 23, 2025

Pyar me tere

 


प्यार में तेरे ये क्या 

होने लगा

पढ़ते पढ़ते खत तेरे 

रोने लगा….


एक दिन पक जायेंगे 

तू जान ले 

रख दिये आवे में जो 

तोने लगा….


प्यार बस निकला हमा 

री जेब में

चोर जब इस जेब को 

टोने लगा….


खेलते थे कांच की 

हम गोलियां 

एक के बदले में दो 

चौने लगा…..


प्रेम करना है तो मन 

को साफ कर

जब कहा उसने मैं मन 

धोने लगा….


ऐसा लगता है कि सब 

कुछ पा लिया

प्यार में तेरे मैं जब 

खोने लगा ….


वे मुझे लेने सिरहा

ने आ गये

घोर चिर-निद्रा में जब 

सोने लगा….


कर्म कर जो भी  मगर 

निष्काम कर

कर्म कर तू काम को 

कोने लगा….


प्यार में तेरे ये क्या

 होने लगा

पढ़ते पढ़ते खत तेरे 

रोने लगा….


प्यार बस निकला हमा

री जेब में

चोर जब इस जेब को 

टोने लगा….


ऐसा लगता है कि सब 

कुछ पा लिया

प्यार में तेरे मैं जब 

खोने लगा….


~Samar Singh

Socho

  सोचो कि ऊपर  न कोई जन्नत सोचो कि    नीचे न ही कोई दोजख  ऊपर जो देखें   बस देखें आसमां  सोचो की सब ही जियें बस आज में  सोचो    कि दुनिया ऐस...