Friday, December 23, 2022

राम

दीवार पर  लिखा 'राम'
राम नहीं है
वह है सिर्फ कुछ  स्याही
और शब्द विज्ञान से जन्मी छाप!

आदमी शब्द को पहचानता है
पहले आकार से, फिर नाम से 
तब जन्मता है शब्द जिब्हा से

शब्द की आत्मा उच्चारण है
और आत्म की खोज राम!

'गुलाब' को गुलाब पढ़ना, शब्द विज्ञान है 
किन्तु मन में सुगंध का भर जाना,  राम है |

~Rahul

सम्भालो हुस्न को अपने...

  सम्भालो हुस्न को अपने कहीं ज्यादा न हो जाए भला चंगा दिल-ए-नादां न यों आवारा हो जाए  नहीं मिला अगर मुझको तब भी कोई गिला नहीं चलो किस्मत अजम...